जयपुर (विप्र)। राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र गुरुवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ। विशेष सत्र में संविधान पर बहस से पहले अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि किन परिस्थितियों में संविधान र लागू किया गया, देश का विभाजन हुआ। f इनको ध्यान में रखते हुए तथा संसदीय गरिमा बनाए रखने के लिए सार्थक बहस होनी चाहिए। आज हमें ज्या समस्या सामने आ रही हैं सभी लोगों में समरसता का माहौल कायम हो और भेदभाव रहित वातावरण बने। सत्र संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बुलाया गया है। ज्योंकि संविधान बने हुए 70 साल हो गए हैं। इस सत्र में प्रश्नकाल व शून्यकाल नहीं होगा। संविधान के बारे में चर्चा होगी। धारीवाल की पर टिप्पणी पर हंगाम -विधानसभा के विशेष सत्र में संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल की ओर से गुरु गोलवलकर को लेकर टिप्पणी से विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। धारीवाल ने गोलवलकर को लेकर दो बार टिप्पणी की। दोनों ही बार विपक्ष ने उन्हें टोका और इसका विरोध किया। धारीवाल ने पहले गोलवलकर की एक पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने मुस्लिम, इसाई और वामपंथियों को देश के लिए धात बताया है। कांग्रेस का केन्द्र सरकार के 10 इसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया। स्पीकर सीपी जोशी के दखल के बाद मामला शांत हुआ। इसके थोड़ी देर बाद धारीवाल ने कहा र कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 30 जनवरी को देशवासियों से घरों-प्रतिष्ठानों पर तिरंगा फहराने के लिए कहा था, लेकिन गोलवलकर की संस्थाओं के यहां भगवा ही फहराया गया। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि संविधान पर सार्थक चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। हमने भी पढ़ा है। पहले ज़्या हुआ इसके बजाय संविधान पर सार्थक बहस की जाए तो अच्छा होगा। वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। हम भले ही दलों में बंटे हैं लेकिन हमें तुम की बजाए हम की बात करनी चाहिए। इसके थोड़ी देर बाद धारीवाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 30 जनवरी को देशवासियों से घरों- प्रतिष्ठानों पर तिरंगा फहराने के लिए कहा था, लेकिन गोलवलकर की संस्थाओं के यहां भगवा ही फहराया गया। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। परपाका सुप्रीम कोर्टका कची बाजवा के कार्यकाल विस्तार इस्लामाबाद (ए)। पाकिस्तान सप्रीम कोर्ट ने कछ शर्तों के साथ पाक सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान की शीर्ष अदालत द्वारा गुरुवार को सुनाए गए इस फैसले को इमरान खान सरकार के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली 3 सदस्यीय बेंच ने सुनवाई की थी। पाकिस्तान सरकार ने बाजवा का कार्यकाल 3 साल के बढ़ाने की अधिसूचना जारी की थी लेकिन कोर्ट इसे सिर्फ 6 महीने की मंजूरी दी है।बेंच ने अपने इस निर्णय में बाजवा के कार्यकाल को 6 महीने बढ़ाने की बात कही है और सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में जल्दी ही जरूरी कानून लेकर आए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल के विस्तार से जुड़ी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी
विधानसभा का विशेष सत्र शुरु जयपुर (विप्र)। राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र इसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया। स्पीकर सीपी